Thursday, February 27, 2020

दिलवालों की दिल्ली जलाई गई ......


आज दिलवालों की दिल्ली जल गई,
 हिंदू-मुस्लिम करने वालों की दाल गल गई,
 जिसे चुना था लोगों ने
देश का विकास करने के लिए,
 आज उस नेता के दिल को भी तसल्ली मिल गई।

नेताओं के भड़काऊ भाषणों ने
दिल्ली में आग सुलगाई,
बिकाऊ पत्रकारों ने मेरे भारत के दिल में आग लगाई,
एक विदेशी परिंदे के स्वागत में
अपने ही लोगों की लाशें बिछाई।



न हिंदू मरा, न मुसलमान की मौत हुई,
 नफरत कि इस लड़ाई में बस इंसानियत की जान गई।

न नेता का घर जला, न अभिनेता की हवेली तोड़ी गई,
 नफरत की हवा में बस
आम आदमी की दुकानें जलाई और लूटी गई।

न मंदिर टूटा, न मस्जिद जलाई गई,
 बस इंसानियत का भरोसा तोड़ा गया
और विश्वास पर गोली चलाई गई।

आज दिलवालों की दिल्ली जलाई गई,
लगता है नाकामी छुपाने के लिए यह आग भड़काई गई,
कोई पूछ ना ले विकास का पता,
शायद 
इसीलिए तो दिलवालों की दिल्ली जलाई गई…
इसीलिए तो दिलवालों की दिल्ली जलाई गई ।।

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