अर्थव्यवस्था अर्थहीन है,
रोजगार के द्वार हिन है,
पर राम मंदिर वोट की मशीन है ।
आज विपक्ष मौन है,
अब मीडिया गुलाम है ,
और सत्ताधारी पूछ रहा, देश-भक्त कौन है?
धर्म के नाम पर खून माफ है,
अपराधी नेता का चरित्र साफ है,
अब अदालतों में भटकता इंसाफ है।
अयोध्या में हिंदू मुस्लिम की बात है,
वोट के लिए राम अली साथ साथ है,
पुलवामा के पीछे मत पूछो किसका हाथ है।
देश में बढ़ता नशे का व्यापार है,
देश में घटता रोज़गार है,
पर सत्ता से मत पूछो युवा क्यों बेरोजगार है।
इज़्ज़त नारी की हो रही तार-तार है,
पानी के लिए चारों तरफ हाहाकार है,
अब क्यों काले धन पर चुप सरकार है।
गलत नीतियों की जय जयकार है ,
अब अर्थव्यवस्था हमारी निराधार है,
आज देश में मंदी से मची हाहाकार है …
अब अर्थव्यवस्था हमारी निराधार है।
©www.dynamicviews.co.in
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Excellent
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