मोहब्बत किसी से कब हो जाए इसका अंदाजा नहीं होता ,
ये वो घर है जिसका कोई दरवाजा नहीं होता,
चले जाते हैं छोड़कर बीच राह में अक्सर वो लोग,
जिनका मोहब्बत निभाने का कोई इरादा नहीं होता l
लगता है उसे मेरी मोहब्बत में विश्वास था थोड़ा,
जाने पे उसके मेरे आंसुओं नें पलकों के सब्र का बांध नहीं तोड़ा,
उसने मुझे याद नहीं किया और मैंने उसका इंतजार नहीं छोड़ा l
देकर गई है गम वो वफाई का मुझे फुर्सत से,
बस खुशी है कि,
फिर किसी से प्यार करेगी वो अब शिद्दत से,
क्योंकि, सीख कर गई है इस बार वो मोहब्बत मुझसे l
फिर किसी से प्यार करेगी वो अब शिद्दत से,
क्योंकि, सीख कर गई है इस बार वो मोहब्बत मुझसे l
शिकायत भी क्या करूं तुझसे ,
तूने तो मुझे खुद से मिलाया है ,
हां अब प्यार नहीं करता हूं तुझसे ,
पर तूने तो मुझे प्यार करना सिखाया है l
अब मैं आसमां में नहीं ढूंढता हूं अपने सपनों को ,
सपनों के लिए जमीं भी जरूरी है ,
सब कुछ मिल जाए तो जीने का क्या मजा ,
जीने के लिए एक कमी भी जरूरी है ….
जीने के लिए एक कमी भी जरूरी है ll
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Fabulous. Wonderful transformation of feelings into words.
ReplyDeleteThanks 😀 alot
Delete😀😀😀😀😀
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