यूं तो कटे हुए उस पेड़ को एक जमाना हो गया,
मगर ढूंढते अपना ठिकाना परिंदे का अक्सर यहां आना हो गया l
निकले थे हम इस आस में किसी को बना लेंगे अपना ,
पर इस ख्वाहिश नें …
उम्र भर के लिए दे दिया आंखों को टूटा हुआ एक सपना l
किसी ने थोड़ा सा वक्त दिया था मुझे ,
मैंने आज तक उसे इश्क समझ संभाल रखा है ,
अब यह न पूछना कि यह अल्फाज कहां से लाते हो,
क्योंकि हमने भी दर्द एक दिल में पाल रखा है l
छुपे छुपे से रहते हैं सरेआम नहीं होते ,
कुछ रिश्ते महसूस होते हैं उनके नाम नहीं होते ,
वह गए तन्हा छोड़ कर और वजह तक न बताई,
हमने पूछा उनसे तो कह गए हमें पसंद है तन्हाई l
उन्हें हमारी खामोशी पसंद आ गई ,
और हम बेजुबां हो गए,
रोता देख हमें वो यह कहकर चले गए ,
रोता तो हर कोई है, क्या हम सबके हो गए l
मौसम से वह बहुत अलग तो नहीं थे ,
क्योंकि बदलने का हुनर उन्हें भी आता है ,
लेकिन हमें अब समझ आया रिश्ते मतलब के ही अच्छे हैं,
क्योंकि बेमतलब के रिश्तों का मतलब ही कहां होता है l
क्योंकि बेमतलब के रिश्तों का मतलब ही कहां होता है l
परीक्षा में आए मुश्किल सवाल सा हूं मैं,
मुझे बीना समझे उसने छोड़ा है ,
याद तो उसे आज भी करता हूं मैं ,
पर कितना करता हूं , बस बताना छोड़ा है l
एक अरसे पहले उसने कहा था इंतजार करना ,
पर हमें महंगा पड़ गया उसपर एतबार करना ,
क्योंकि ...
जो कभी डरा ही नहीं मुझे खोने से ,
वो क्या अफसोस करेगा मेरे ना होने पे ….
......
जो कभी डरा ही नहीं मुझे खोने से ….
वो क्या अफसोस करेगा मेरे ना होने पे ll
©www.dynamicviews.co.in
आसान शब्दों में दिल की दास्तां।।। Simplifying the complex emotions...👏👏👏
ReplyDeleteNice sir ji
ReplyDelete😁😊😊
Delete